साफ्टवेयर से सीखें प्रभावी व्यक्तित्व
personality development हम अपने कंप्युटर पर install
होने
वाले software
से
भी सीख सकते है .
Installation
(इंस्टालेशन) :- आप ने देखा
होगा किसी न किसी प्रोग्राम को अपने कंप्युटर पर install होते हुए
क्या आपको कोई खास बात नजर आयी क्या आपने कभी गौर किया कि जैसे ही आप इंस्टाल बटन पर
क्लिक करते है तो यह सबसे पहले एक लिखित ऐग्रीमेंट पर आपको agree
करने
को कहता है अगर agree किया तो ही यह इंस्टाल होगा वरना नही
,कहने का मतलब कोईभी कार्य करें तो पहले दस्तावेज ओर लिखित अप्रुवल प्राप्त कर ले ताकि बाद में होने वाली किसी भी परेशानी को आप avoid
कर
सकें ।
इसके बाद इसका अगला कार्य होता है अपनी काम की हर चीज को व्यवस्थित
रूप से ओर अपने टुल्स को उनकी जगह पर जमा देना कहने का मतलब जब भी आप अपने कार्य पर
या किसी प्रोजक्ट पर जाए तो अपने हर ओजार को साथ में लेकर जाए वरना ऐसा ना हो किसी
फाइल या टुल कि वजह से आपका कार्य अधुरा रह जाए।
System
(सिस्टम) :- साफ्टवेयर जब भी कोई कार्य करते है
तो एक सिस्टम से करते है यानि आप open का बटन दबाएंगे
तो ही फाइल ओपन होगी या फिर एक कंमाड पुरी होने के बाद ही दुसरी कंमाड पुरी होती है
इनके कार्य का समय भी फिक्स होता है कहने का मतलब आप भी अपने कार्यो के प्रति systematic
approch बनाए
ओर जरूरत होने पर ही अपनी energy खर्च करें साथ ही जब आप से सलाह मांगी
जाए तभी दें कोई लोग तो बिना कमांड के ही अपनी राय ओर सलाह का पिटारा खोल कर बेठ जाते
है साथ ही साफ्टवेयर जब भी किसी कार्य को शुरू करते है तो उसे अंत तक जरूर पहुंचा देते
है लेकिन हम इंसान शुरू तो कई कार्य करते है
लेकिन खत्म उनमे से आधे भी नही होते
Upgrade
(अपग्रेड) :- साफ्टवेयर
का सबसे बेहतरिन गुण है update होने का नई तकनीक या फिर सुधारो को स्वत: ग्रहण करने कि यह
कला आप इनसे ही सीख सकते है जब साफ्टवेयर अपने आपमें नियमित सुधार कर सकते है तो हम
मनुष्य क्यों मात्र एक या दो कालेज डिग्री प्राप्त कर सीखना ओर अपग्रेड करना बंद कर
देते है याद रखिए नियमित अपग्रेड होने की यह कला ना सिर्फ आपको प्रतियोगिता से लड़ने
कि शक्ति देती है बल्कि आपके ज्ञान ओर आपकी आय को भी नियमित तोर पर बड़ाती रहती है
Renewal
(रिनेवल) :- साफ्टवेयर
को नियमित अपडेट करने के बाद कभी ना कभी कोई नया वर्जन आ ही जाता है जैसे पहले विन्डोज
95 आया फिर 98 फिर एक्सपी ओर अब विन्डो 7 ओर 8 टेस्टींग पर है ओर ना जाने कितने रिन्युअल
होते रहंगे मगर हम कभी भी अपने आपको इस कदर नही बदल पाते की लोग कहें वाह क्या बात
है हमारी छोटी से छोटी समस्या ही साल्व नही हो पाती लोग कई तरह कि समस्याओ के बारें
मे महिनो बातें करते है जैसे वजन बड़ना या फिर सेलरी ना बड़ना आदि लेकिन इन लोगो का
कोई नया वर्जन आ पाएगा, नही लगता ना , फिर भी कोशिश तो कि जा सकती है
Recycle
bin or delete (डिलिट) :- हर साफ्टवेयर में एक डिलिट या फिर रिसायकलबीन
होता है जो अनचाही फाइल्स को हटाने का काम करता है लेकिन क्या आपके ओर हमारे पास कोई
डिलिट बटन है जो पुरानी अनचाही यादो को हटा सकें ओर जीवन मे आगे बड़ने के लिए हमारे
दिल ओर दिमाग का कुछ स्पेस खाली कर सके ताकि इन पुरानी ओर अनचाही चीजो को नयी ओर मनचाही
चीजों से रिप्लेस किया जा सके
Plug-Ins
(प्लगइन्स या सहयोगी) :- कई बार होता है कि एक ही साफ्टवेयर में आपको
वो सभी चीजें नही मिल पाती जो आप चाहते है यानि एक ही व्यकित में हर वो खुबी नही हो
सकती कोई भी हर क्षेत्र में परफैक्ट नही हो सकता ओर अगर कोशिश करें भी तो मात्र अपने
लक्ष्य से भटकेगा ही, साफ्टवेयर में भी यही
होता है लेकिन यै अपने इन सहायोगी कार्यो को प्लगइन्स के द्वारा पुरा कर लेते है यानि
कोई ओर व्यक्ति इस साफ्टवेयर को आपकी आवश्यकता अनुसार बनाने के लिए कोई छोटा साफ्टवेयर
जो इससे जुड़ कर इन अतिरिक्त कार्यो को पुरा कर देता है
यह चीज हमें दो चीज सीखा देती है पहला अपने लक्ष्य के सबसे महत्वपुर्ण
कार्यो पर ही ध्यान देना ओर बाकि कै कार्यो को किसी विश्वसनीय को सोंप देना ताकि बिना
आप पर अतिरिक्त भार के आपका कार्य भी हो जाए ओर मेहनत ओर समय भी बच जाए
User
friendly (युजर फ्रेन्डली
या इस्तेमाल में आसान) :- कोई भी
साफ्टवेयर अगर चलाने वाले के लिए मुशकिले पैदा करे तो शायद उसका प्रयोग कम या फिर समाप्त
हो जाएगा ऐसे ही अगर आप लोगो का काम होने या फिर करने में काफि मुशकिले खडी करते है
तो फिर शायद आप का भी काम ओर इस्तेमाल कम या फिर खत्म हो सकता है
(Uninstallation) रिमुवल या अनइंस्टालेशन :- किसी
से जुड़ना ओर सहायोग करना अपने आप में एक कला है लेकिन उससे भी बडी कला है किसी से
अलग होना आपने देखा होगा कि साफ्टवेयर एक क्लिक पर आपसे जुड जाते है वर्षो आपका कार्य
करते है ओर उतनी ही आसानी से सिर्फ एक क्लिक पर अनस्टालड भी हो जाते है ओर अपनी सारी
फाइल्स को स्वंय ही हटा देते है ओर आपकी फाइल्स फिर भी पुरी तरह सुरक्षित होती है कहने
का मतलब सहयोग करें तो पुरी तरह ओर जब छोडे तो नाराज हो कर नही बल्कि छोडने पर भी अपना
सहयोग बनाए रखें कई संस्थानो मे लोग जब छोडकर जाते हे तो उनका व्यवाहर अग्रेसिव या
नाराज सा हो जाता है हर समय कंपनी कि नितियो को अपने कार्य छोड़ने का कारण बताते है
लेकिन क्या यह तरिका सही है अरे भाई छोडना ही है तो कम से कम इस तरह छोडो कि संबध तो
ना बिगडे ओर फिर से कोई युजर आपका सहयोग लेना चाहे
यै तो बात हुयी साफ्टवेयर के गुणो कि जिनका आप पुरा फायदा उठा सकते
है लेकिन याद रखें इनकी तरह अपने जीवन मे कभी वायरस ना लगने दें क्योकी इनके वायरस
को तो रिम्वुह किया जा सकता है लेकिन जिंदगी के लिए ना तो कोई Anti
Virus है
ओर ना ही इसे format किया जा सकता है
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