आप अपने व्यक्तित्व को निखार सकते है

जो भी कार्य करें, उस मे श्रेठ प्रदर्शन करें । एक सफल व संपूर्ण व्यक्तित्व का सफलता से गहरा संबंध होता है। यह सफलता पाने के अवसरों को बढा सकता है।
हम इस संसार मे आद्धितीय  क्षमताओं के साथ आए है। हमारे जैसा कोई नही है। हमारे व्यवहार, आचरण और भाषा पर वर्षो से हमारे परिवार, स्कूल, मित्र, अध्यापकों व वातावरण की छाप होती है। आप बस इतना करे कि सहज व प्राकृतिक बने रहें। लोग दिखावटी चेहरों को आसानी से पहचान लेते हैं। हम सब के पास कोई न कोई प्राकृतिक हुनर है।
   आप व्यक्तित्व को निखारना चाहते है तो अपने भीतर छिपे उस प्रतिभा, हुनर को पहचान कर उभारें। हर कोई एक अच्छा गायक या वक्ता नही बन सकता। यदि विंस्टन चर्चिल ने एक प्रेरणास्पद नेता बनने की बजाए गायक बनने की कोशिश की होती तो शायद वह कभी उसमे सफल नही हो पाते। इसी तरह महात्मा गाँधी एक अच्छे व्यवसायी नही बन सकते थे।
   हम सब हालात के प्रति अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। किसी दूसरे की नकल करने की वजाए वही रहें, जो आप है हर कोई मिस्टर या मिस यूनिवर्स तो नही बन सकता लेकिन दूसरो के अनूभवो से सीखकर अपने में सुधार तो ला सकता है। जीवन मे थम कर बैठने के बजाए बेहतरी का कोई न कोई उपाय आज़माते रहना चाहिए ।
  व्यक्तित्व का उपलब्धियो व प्रदर्शन से संबंध होता है, इस दिशा मे पहला कदम यही होगा कि आप तय करें कि आप क्या बनना चाहते है और आप उस के लिए क्या करने जा रहे हैं। आपकी योजना व्यवहारिक व स्पष्ट होनी चाहिए । सफलता की सभी योजनाए कल्पना से ही आरंभ होती है।  योजना को हकीकत मे बदलने के लिए कल्पना शक्ति का प्रयोग करें। योजनाबद्ध कार्य, धैर्य, दृड संकल्प किसी भी सपने को साकार कर सकता है।

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