आपका व्यक्तित्व,
आपकी सफलता
किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व
उसके चरित्र की विशेषताओं व व्यवहार के मेल से बनता है, जो उस के सभी कामो मे झलकता
है। इस व्यवहार मे चेतन और अवचेतन दोनो प्रकार के व्यवहार शामिल हैं। हमारा व्यवहार
पूरे जीवन मे कई तथ्यो के प्रभाववश समय-समय पर बदलता रहता है। हमारे जीने और काम करने
के तरीके मे लगातार बदलाव आता रहता है । यद्यपि इन बदलावो के बावजूद व्यवहार की जो
छाप पहले- पहल पडती है वह आसानी से मिट नही पाती।
हमारा व्यक्तित्व, हमारा अस्तित्व, इसी जीवन का एक अंग है। हमारे विश्वास उन पत्तों
की तरह है, जिनका जीव आकृति विज्ञान, संसाधन एकत्र करने व आत्म विचारों को सुधारते
है। इन्ही से मिल्कर हमारा व्यक्तित्व बनता है। व्यक्तित्व को निखारने से व्यक्ति केवल
स्वंय बेहतर प्रदर्शन करता है। एक अच्छे व्यक्तित्व मे नेतृत्व की सभी विशेषताएं होती
है जो आज के समय मे बहुत ज़रुरी है। व्यक्तित्व से ही झलक मिलती है कि सामने वाले व्यक्ति
मे नेतृत्व की क्षमता है कि नही? इसी सीमा
तक आकर व्यक्तित्व व नेतृत्व की क्षमताएं मिलकर किसी व्यक्ति को क्षेत्र विशेष मे सफल
बनाती है। अपनी छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए कुछ सुझाव दिए गए है लेकिन वे अंतिम
सत्य नही है। आप अपनी इच्छाअनुसार इसमे कुछ भी घटा या बढा सकते हैं लेकिन एक वात तो
निश्चित ही है, व्यक्तित्व विकास कोई एक दिन मे किया जाने वाला पाठय़क्रम नही है। इसमे आपके पूरे जीवन के रहने और काम करने का तौर- तरीका
भी शामिल है
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