टीईटी (TET) में सफलता 

 परीक्षा की प्रकृति
(1) सीटीइटी परीक्षा के आधार पर कहा जा सकता है कि इस तरह की परीक्षा में जोर व्यवहारात्मक प्रश्रनें को पूछे जाने पर होगा, बजाय सैद्धान्तिक प्रश्नों के। अभी तक अभ्यर्थियों ने शिक्षण एवं शिक्षाशास्त्र (ढींिॠश्रॠ8) के बारे में पढा है, उसे व्यवहार में प्रयुक्त करने पर जोर दिया जायेगा। अभ्यार्थियों को यह पता होना चाहिए कि व्यवहार में शिक्षण पद्धतियों को कैसे प्रयुक्त किया जायेगा।

सैद्धान्तिक प्रश्न का प्रकार

बच्चों के बौद्धिक विकास की चार विशिष्ट अवस्थाओं की पहचान किसने की?

1. पियाजे 2. स्किनर

3. वाइगोत्स्की 4. कोहलबर्ग

ऐसे प्रश्नों पर कम जोर होगा। व्यवहारिक प्रश्रन् का प्रकार .....को एक अभिप्रेरित शिक्षण ( motivated teaching) का संकेतक माना जाता है।
1. कक्षा में एकदम खामोशी

2. विद्यार्थियों द्वारा प्रश्रन् पूछना

3. कक्षा में अधिकतम उपस्थिति

4. शिक्षक का उपचारात्मक कार्य

ऐसे प्रश्नों पर विशेष ध्यान दें।

(2) 8ए8 परीक्षा में शिक्षण के दौरान समस्याओं को सुलझानें में अभ्यर्थी के कौशल की जांच की जाएगी। जो बाल-मनोविज्ञान में दक्ष और व्यावहारिक शिक्षण की प्रक्रिया से गुजर चुके हैं, वे इसमें सफल होंगे। ऐसे प्रश्नों को सुलझाने की एक विधि होती है शिक्षक के बजाय बच्चे की भूमिका में जाकर समस्या प्रकृति को समझना।

उपचारात्मक प्रश्न का प्रकार किसी भाषा की कक्षा में अन्य भाषी बच्चे उस भाषा को सीखने मे क्यों कठिनाई महसूस करेंगे?

1. दूसरी भाषा को सीखने में अरुचि होगी

2. दूसरी भाषा कठिन होगी

3. उसकी भाषा व दूसरी भाषा की संरचना में अंतर होगा

4. वे मन लगाकर दूसरी भाषा नहीं सीखते।

(3) 8ए8 में प्रश्नों का स्वरूप प्राय: इस तथ्य पर जोर देगा कि आप शिक्षण प्रक्रिया के प्रति क्या दृष्टिकोण रखते हैं। इसमें आपके शिक्षण दृष्टिकोण की जांच की जाएगी। शिक्षण अभिरुचि का प्रश्न

आप क्यों शिक्षक बनना चाहते हैं?
1. एक आदर्श समाज के निर्माण के लिए

2. एक उचित सेवायोजन प्राप्त करने के लिए

3. राष्ट्र को शिक्षित बनाने के लिए

4. यह अपेक्षाकृत आसान कार्य है

इस प्रकार के प्रश्रन् महत्वपूर्ण नहीं होंगे।

शिक्षण अधिवृति का प्रश्न

पठन-कुशलता ( reading ability) का मूल्यांकन करने के लिए आप क्या करेंगे?


1. बच्चों से जोर-जोर से बोलकर पढने के लिए कहेंगे ताकि उच्चारण की जांच हो सके।

2. किसी पाठ की पंक्तियां पढवाएंगे

3. पढी गई सामग्री पर प्रश्न बनवाएंगे

4. पढी सामग्री पर तथ्यात्मक प्रश्न पूछेंगे।

इस प्रकार के प्रश्न महत्वपूर्ण होंगे।

अत: कहा जा सकता है कि परीक्षा में आपके शिक्षक बनने के प्रति अभिरुचि या क्षमता का मूल्यांकन न कर यह मूल्यांकन किया जायेगा कि आप शिक्षण स्थितियों में किस प्रकार का दृष्टिकोण प्रदर्शित करेंगे।

(4) 8ए8 परीक्षा में प्रश्नों की लंबाई अच्छी हो सकती है। इसलिए लम्बे प्रश्नों को पढकर समझने की क्षमता अभी से विकसित करें। सर्वश्रेष्ठ तरीका तमाम प्रकार के अपठित गद्यांशों को पढकर कुछ पूर्व निर्धारित समय सीमा के भीतर उत्तर देने की प्रैक्टिस है।

(5) दुर्भाग्य से 8ए8 की तैयारी हेतु सही मार्गदर्शन करने वाली पुस्तकों का अभाव है। अत: स्वयं व्यावहारिक शिक्षण समस्याएं तथा व्यावहारिक बाल मनोविज्ञान की स्थितियों की परिकल्पना कर उसके आधार पर प्रश्नों का सृजन करने का प्रयास करें। ठउएफ8 की पुस्तकों में कई पाठों के अंत मे पुस्तक शिक्षकों से पाठ पढाते समय क्या अपेक्षा करती है, इस पर ठश्र3ी ऋश्र1 8ींङ्घँी12 दिए गए हैं, इनका अध्ययन लाभदायक होगा

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