मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
आओ भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अंग मौलिक अधिकारों के बारे में जाने….
संविधान के तीसरे भाग के अनुच्छेद 12 से 35 तक में मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है। ये मौलिक अधिकार हैं :
संविधान के तीसरे भाग के अनुच्छेद 12 से 35 तक में मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है। ये मौलिक अधिकार हैं :
- समानता का अधिकार : कानून की समानता तथा कानून के समक्ष समानता, धर्म, मूल, वंश, जाति, लिंग, या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध और रोजगार के लिए समान अवसर |
- विचारों की अभिव्यक्ति, सम्मेलन करने, संस्था या संघ बनाने, भारत में सर्वत्र आने-जाने, भारत के किसी भी भाग में रहने तथा कोई वृत्ति या व्यवसाय करने का अधिकार (इनमें से कुछ अधिकार राज्य की सुरक्षा, विदेशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों, लोक-व्यवस्था, शिष्टाचार या सदाचार के अधीन हैं),
- शोषण से रक्षा का अधिकार : इसके अंतर्गत सभी प्रकार के बालश्रम और व्यक्तियों के क्रय-विक्रय को अवैध करार दिया गया है,
- अंत:करण की प्रेरणा तथा धर्म को निर्बाध रूप से मानने, उसके अनुरूप आचरण करने और उसका प्रचार करने की स्वतंत्रता का अधिकार,
- नागरिकों के किसी वर्ग को अपनी संस्कृति, भाषा और लिपि का संरक्षण करने तथा अल्पसंख्यकों द्वारा पसन्द की शिक्षा ग्रहण करने एवं शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करने और उन्हें चलाने का अधिकार, और
- मूल अधिकारों को लागू करने के लिए संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
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